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नरेंद्र- मोदी ने एक बेहतरीन अवसर गंवाया ——

khwahishein yeh bhi hain
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नरेंद्र- मोदी ने एक बेहतरीन अवसर गंवाया ——

उत्तर -प्रदेश विधान -सभा चुनावों के घमासान में एडी -चोटी का जोर -लगा रही- सभी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पार्टियों के बीच -मतदाता को रिझाने के लिए जो होड़ मची है, उसका नतीजा जो भी हो, पर इस घमासान में भाजपा -अपने प्रत्याशियों के प्रचार के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचार हेतु लाने में असह्य सी प्रतीत हो रही है। कारण जो भी हों [पार्टी के भीतर सर्वविदित उनके विरोध की अनमन, नाखुशी और पार्टी में खड़े प्रतिद्वन्दी भाई-बहेनों से नाराजगी ?] पर अच्छा होता अगर वह मन में उपजे सारे- विसादों को भूल कर -यहाँ के प्रत्याशियों और मतदाताओं की इच्छाओं का ……..।
नरेंद्र मोदी जी, इस मुददे पर आप -जो भी सोचते हो [राजनीतिक हितों के फायदे या नुकसान ?] पर अपना तो यही मानना है-कि किसी भी अच्छे- उद्देश्य के लिए उठाए गए कदम के लिए -न तो इन्सान का अहम बड़ा होता है और न ही स्वाभिमान आड़े आता है। और फिर जहाँ देश -समाज के हितों की बात हो -वहां सब नाराज़गियां अपनी जगह हैं और एक कुशल राजनेता होने के नाते देश की बहुसंख्यक जनता की अपने नेता से जुड़ी उम्मीदे…? [यह बताने के लिए मुझे नहीं लगता, कि सरदार बल्लभ भाई पटेल के राजनीतिक- जीवन की -सोच परिकल्पना को दोहराने या याद दिलाने की आवश्यकता है ] क्योंकि शायद कहीं न कहीं आप के लिए -वह प्रेरणा स्रोत का जयघोष करते हैं।
बड़े क्षोम के साथ कहना पड़ता है, कि क्या मोदी जी आप जानते नहीं कि सत्ता की कुर्सी पर बैठने वालों में होड़ -की जंग का इतिहास बहुत पुराना है। इसके लिए तो समस्त नेतागण -नैतिकता की सब भाई -चारे की बातों को दरकिनार कर -अपने से आगे वाले को पीछे धकेलने में किसी तरह पीछे नहीं हटते -सो आगे वाले से- आगे जाने के दिमागी -संक्रमण कीड़े के दंश से घायल भाजपा में भी, अति महत्वाकांक्षी लोग भी कुछ कम नहीं, जो अपने -अपने नेतृत्व के प्रभावी सर्वच्च्व को पाने अथवा बनाए रखने के लिए निरंतर सक्रीय और सचेत रहते हैं। इस बात से मोदी जी आप अनभिज्ञ नहीं हैं -फिर भी आप को उदारमना-व्यवहारिक- गरिमा के औचित्य को ऊपर रख -उत्तर -प्रदेश विधान -सभा चुनावों में भाजपा के मंच से अपने प्रभाव का आभा मंडल दिखाने का अच्छा अवसर था, और उन प्रतिद्वन्दी भाई -बहनों को भी संदेश देने के लिए आपके पास यह उचित मंच था। मोदी जी अभी भी देर नहीं हुई -इसमें सोचना क्या, राजनीति में ऐसे अवसर ………????????????????

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