khwahishein yeh bhi hain
- 195 Posts
- 470 Comments
व्यक्तित्व ?
-व्यक्तित्व तब बनता है ..
-जब- तुम्हारा समाज ..
-तुम्हारा -कबीला तुम्हारी प्रसंशा करता है ..
– व्यक्तित्व- लोगों की स्वीकृति पर निर्भर है ..
-वह दूसरों पर आश्रित है ..
-वह अपने में खड़ा नहीं हो सकता..
-लोग छोड़ दे तो वह गिर जाता है ..
-व्यक्तित्व या तो तालियों पर ..या गलियों पर खड़ा है ?
– मुझे -व्यक्तित्व नहीं बनना !
स्वरचित -सीमा सिंह
Read Comments