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मुक्ति ?

khwahishein yeh bhi hain
khwahishein yeh bhi hain
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मुक्ति ?
किसी के लिए …
बोध है …..
किसी के लिए ..
एक …..आँख और आकाश ।।
और ……
किसी के लिए .
एक -सिहरन ….
उससे -ज्यादा कुछ नहीं ।।
– दीवार पर टंकी …
आकृतियों को छूना…
और …..
अनुभूतियों के सनद ले के आना ,
कुछ -पाना हो ,पाने जैसा ..
तब -अपने आप को टटोलना ..
किसी -और में ..मत खोजना ….!
स्वरचित -सीमा सिंह

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