khwahishein yeh bhi hain
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” कविता ”
अब तक …..मैं ….?
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१—— मील का …..
हर-पत्थर……
फरेब- का इश्तहार सा,लगता …
क्योंकि ……
अभी -तक …..
मैं -कहीं पहुंची नहीं …?
२——मेरी -बात पे ……
हंसो ……
तो अच्छा है …?
क्योंकि……..
नजर -आप की ….
वहाँ -तक, पहुंची नहीं …..?
३—— रास्ते -के कान में …
बात-मैंने पोई ….
क्योंकि ……
उम्मीद-अभी खोई नहीं …..?
४—— जिन्दगी …..
जिन्हें -अपने से हासिल है ….
किसी का -दखल …..
उसमें -कोई नहीं …….!
स्वरचित -सीमा सिहं ।।
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