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पछतावा ………?
कभी -कभी किसी जान लेबा दुर्घटना या हादसे के -सीधे -सीधे तौर पर हम जिम्मेदार न होते हुए भी ,उस हादसे के शिकार इन्सान की गैर मौजूदगी -को इस हद तक दिल से लगा लेते हैं कि अपनी उपस्थिति का अहसास करना भी मुश्किल सा प्रतीत होता है |
सन्दर्भ और सुवर्णा बहुत अच्छे दोस्त थे,अपने -अपने शहरों और परिवारों से दूर” मुम्बई जैसी -माया नगरी में “दोनों एक -दूसरे के वक्त जरूरत में पूरक थे -बावजूद इस के दोनों अपने कार्य -क्षेत्तों में संघर्ष रत थे ,सुवर्णा को अपनी योग्यता और डिग्री के अनुसार जल्द ही -नौकरी मिल गयी ,और वह अपने कार्य में इतनी व्यस्त रहने लगी कि उसे कभी-कभी छुट्टी बाले -दिन भी आफिस जाना होता -उसकी इस व्यस्तता के चलते सन्दर्भ के साथ धीरे -धीरे संवाद के अवसर कम होने लगे,सन्दर्भ -फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने बाले संघर्ष कर रहे कलाकारों में था ,यहाँ वह कई वर्षों से अपनी -किस्मत को आजमा रहा था,उसे छोटे -छोटे अवसरों को छोड़ कर कोई विशिष्ठ अभिनय करने का अभी तक यादगार -अवसर नहीं मिला था ,एक -तरह से बेरोजगार ही था |उसकी तुलना में सुवर्णा -अपने कार्य -क्षेत्त में स्थापित हो चुकी थी ,सुवर्णा के पास समय का अभाव और सन्दर्भ के पास समय ही समय सो धीरे -धीरे दोनों के बीच छोटी -छोटी बातों को लेकर -वैचारिक मतभेद और इसी दौरान एक दिन -सुवर्णा को अपनी कम्पनी के सिंगापुर बाले आफिस में पदों उन्नति के साथ जाने का प्रस्ताव मिला और उसने हाँ कर दी ,जब कि सन्दर्भ उसके इस निर्णय से असहमत था ……| इस प्रकरण -को गुजरे हुए लगभग तीन वर्ष निकल गये – सुवर्णा पुन: मुम्बई- प्रोउन्नत होकर लौट आई ,उसने सन्दर्भ के सम्पर्क सूत्रों से जो जानकारी पाई ?उसका नतीजा -उत्साह वर्धक न था -पता चला कि काफी -प्रयासों के बाद उसे एक बड़े -फिल्म निर्माता ने अपनी एक बड़ी फिल्म में एक अच्छा -रोल देने का आश्वासन दे दिया था किन्तु -उस फिल्म के निर्देशक ने उसकी जगह किसी अपने जानने बाले कलाकार को -फिल्म के महूर्त के समय लेने की घोषणा, के बाद ,सन्दर्भ को बहुत निराशा हुई और उस दिन वह घर वापस लौट कर नहीं आया ,तब दूसरी सुबह अख़बार में उसका -समाचार सुर्ख़ियों में था कि वह लोकल -ट्रेन की चपेट में आकर …..?सन्दर्भ -ट्रेन की चपेट में आया या कि उसने आत्महत्या की थी ,सच क्या था -कोई नहीं जनता …..? इस प्रसंग से क्षुब्ध -सुवर्णा की सन्दर्भ के प्रति अन्तह:पीड़ा और घुटन इस कविता “पछतावा “व्यक्त करती है !
पछतावा ……?
—-
साथ ……..
चलते -चलते ……
भीड़ -में ………..
जब ……..
उसने ………
मुझसे ………
हाथ -छुड़ाया ……
१—- तब ……….?
मुझे- लगा ……..
मेरे -हाथ से ……
आइना -टूट गया …….
कोई ………
मेरा -अपना …..
मुझसे -रूठ गया …….|
२— मुझे -लगा …….
अपनी -पहुंच से ………
दूर -जाते हुए को ……
दौड़ कर -पकड़ लूँ …….
और ………
बंधन -के खूंट से बांध लूँ …….
उसे -पहन लूँ ,उसे ओढ़ लूँ …….
और -उसे ही बिछा लूँ …..
३—- और ……….
पश्चाताप -के ……..
गाड़े -आंसूओं में डुबो लूँ …….
और -इनमें ….
अपने -अबोध …….
सबालों-के ……..
जबाव -ढूंढ़ लूँ …….
स्वरचित -सीमा सिंह ||||
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