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क्षणिक -कविताएँ ……..!

khwahishein yeh bhi hain
khwahishein yeh bhi hain
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[१]
शिकायतों के अम्बार……!
——
अपनी ……….
नाकामियों -से ……..
जब – घिरे होते हैं …….?
दुनियाँ- भर से ………
शिकायतों -के ………
अम्बार -लिए होते हैं !||||||
[२]
खुशफहमियों- के तलघर ……!
——
हरारत -के ……
ये -लम्हे …….
महफूज ……..
तबियत -में ……
बने -रहें ……..
१— जमीं…….
नहीं …….
तब- न सही ……!
खुशफहमियों -के …….
तलघर -में …….
ख्वाहिशों -के ……
चेहरे-बने रहें …..|||
स्वरचित -सीमा सिंह ||||

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