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सितारे देख कर ……….!

khwahishein yeh bhi hain
khwahishein yeh bhi hain
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सितारे देख कर ……….!
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सितारे ……..
देख कर ……..
अँधेरा -महसूस होता है …..
वरना ………..
वहम -का काजल ……
कहाँ -उतरता है ……….|
१—- नजर ……….
फलक – पे लगी रहती है ……..
जमीन -पैरों को कोंचती रहती है ………
वरना …………………..
जेहन – की बर्फ ……….
कहाँ – पिघलती है ……||
२—- बस्तियां…………
फरेबों – की बनती,बसती,पनपती रहती हैं …….
सच्चाइयाँ- गर्दन झुकाए………
अजनबी -बनी रहती हैं ……….
वरना ………..
चढ़ती – नदी की ………
बाढ़ – कहाँ उतरती है ……..!||||
स्वरचित -सीमा सिंह |||||

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