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उन -मकानों को चलो देखते चले ………!

khwahishein yeh bhi hain
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उन -मकानों को चलो देखते चले ………!
———-
दिल -ने कहा ……..
कल ………..
जहाँ -रहते थे ………
उन -मकानों को …….
चलो -देखते चलें ……..!
पुराने – मकीनों के ………
चलो – मन टटोलते चलें ………|
१—- जहाँ …………….
पुराने – रास्तों से गुजरे ………
तब – लगा …………
पुरानी- बातों को दोहराते चलें …..
क्यों – न …………
यादों – के ……….
गलियारों – में झांकते चलें ……….
और …………………
आस्तीनों – को …………
आंसुओं – से भिगोते चलें ……..||
२—- आँखों – की ………
साजिश – कहो ……..
या ………
ख्यालों – की रंजिश…….
ख़ुदी – ने खुद से …….
कहा ………
दोस्तों – के साथ -साथ …….
दुश्मनों – को भी ………
चलो …………
गले – लगाते चलें ……..|||
३—- आज- मिले ……………..
फिर …………….
मिलें- न मिलें …………..
वक्त – के ………
इसी – पड़ाव पे …….
सब – तहरीरों को …….
चलो ……….
अपने – हाथों से समेंटते चलें …!||||||
स्वरचित – सीमा सिंह |||||||

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