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वैधव्य – का मर्म ……..?

khwahishein yeh bhi hain
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वैधव्य – का मर्म ……..?
—-
जो – भी आता ……..
वही…………
उसे ………….
अपनी – अपनी राय देने में उत्सुक था …..!
१— जब कि………….
कोई – भी …………
उसके – मन को ……..
थपकी – देने का वाहक न था ……..!
२— क्या ……………
उसके – लिए ……..
प्रतिबिम्बों – के ………
प्रतीकों – में ……….
जीना – मुमकिन था …………….?
========
रेत – के कण………….?
—–
नदी – की……..
सतह – पर ……….
चाँदी – से धवल और चमकते …….
यहाँ – वहाँ उड़ते ………
१— रेत – के कण ………..
मुझे ……..
अपने ………..
पूर्वजों – की रूहों के …….
निशानात – से प्रतीत होते हैं ………
या ……….
म्रतात्माओं – के ……..
लौट – आने के …….
संदेश -वाहक का ……
संदेश – पत्र से जान पड़ते हैं …….!|||||
स्वरचित – सीमा सिंह ||||||

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