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तजुर्बा – कुछ नया नहीं होगा ……….!

khwahishein yeh bhi hain
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तजुर्बा – कुछ नया नहीं होगा ……….!
——-
वही – होगा ……..
जो – होता आया ……….
कुछ – भी ………..
जुदा – नहीं होगा ………..|
तजुर्बा ……………..
आदमी -को ………………
आदमी – से ……………….
कुछ – नया नहीं होगा ……….||
१—- लाख …………..
मुँह – बंद रख …………
तू – अपना …………
सामने – वाले का …….
मुँह – चुप नहीं होगा ………….|||
सिलसिला ……..
सवालातों – का ………
कहीं – खत्म नहीं होगा ………||||
२—- दूर – ही से …………..
सही ………………….
हमदर्दी – का …………………
रास्ता – तंग नहीं होगा ………..
हवाओं – के ………………
आने – जाने पे ……………..
आसमाँ – पाबन्द नहीं होगा ……..||||
३—- बुझा – दो …………
चरागों – को ………
अँधेरा – गुमगश्ता नहीं होगा …….
नर्गिसों – का शहर …………
सितारों – से रोशन नहीं होगा ….!|||||||||
स्वरचित – सीमा सिंह ||||||||||| .

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