Menu
blogid : 8924 postid : 346

सफेदी उतरने लगती है ……!

khwahishein yeh bhi hain
khwahishein yeh bhi hain
  • 195 Posts
  • 470 Comments

सफेदी उतरने लगती है ……!
———-
हवा -जहाँ तेज चलती है ?
घरों की ,सफेदी उतरने लगती है ।
कुछ कहने की जरूरत नहीं,दीवारों से
खुद-ब-खुद पपड़ियाँ उतरने लगती हैं ।।
हवा -जहाँ तेज चलती है ?
पर्दों के ,सायों की तस्वीर उभरने लगती है,
जमीन -भीतर से सिमटने लगती है,
पत्थरों पे बर्फ जमने लगती है,
दिलों -पे कयामत बरसने लगती है ।।
सीमा सिंह ।।।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply